Srimad Bhagavad Gita (Part 2) (Hindi)

Srimad Bhagavad Gita (Part 2) (Hindi)

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₹450

Highlights
Author
Sri Aurobindo Pankaj Bagaria (Editor, Preface, Translator), Chandra Prakash Khetan (Narrator)
Language
Hindi
Binding
Paperback
Publisher
Sri Aurobindo Divine Life Trust, Rajasthan
ISBN
978-8186510315

श्रीमद्भगवद्गीताभाग 2 (अध्याय 8 से 18 तक) मूल तथा अनुवाद सहित श्रीअरविन्द की अंग्रेजी टीका के हिन्दी अनुवाद एवं व्याख्या सहित यह पुस्तक स्वर्गीय श्री परमेश्वरी प्रसाद खेतान द्वारा संपादित अंग्रेजी पुस्तक ‘द भगवद् गीता’ के हिन्दी रूपांतर के आधार पर श्रीअरविन्द दिव्य जीवन शिक्षा केन्द्र में हुए अध्ययन सत्रों में साधकों के बीच हुई चर्चा-परिचर्चा, सहज अंतःस्फूर्णा तथा श्री चन्द्र प्रकाश जी खेतान के निजी आध्यात्मिक अनुभवों आदि के माध्यम से हुई श्रीअरविन्द व श्रीमाँ के मूल शब्दों की व्याख्या का अभिलेख है।प्रथम भाग में गीता के प्रथम सात अध्यायों को सम्मिलित किया गया है और दूसरे भाग में शेष ग्यारह अध्यायों को सम्मिलित किया गया है।जैसा कि श्रीमाँ ने कहा ‘‘श्रीअरविन्द गीता के संदेष को उस महान् आध्यात्मिक गति का आधार मानते हैं जो मानवजाति को अधिकाधिक उसकी मुक्ति की ओर, अर्थात् मिथ्यात्व और अज्ञान से निकलकर सत्य की ओर ले गई है, और आगे भी ले जाएगी। अपने प्रथम प्राकट्य के समय से ही गीता का अतिविशाल आध्यात्मिक प्रभाव रहा है; परंतु जो नवीन व्याख्या श्रीअरविन्द ने उसे प्रदान की है, उसके साथ ही उसकी प्रभावशालिता अत्यधिक बढ़ गई है और निर्णायक बन गई है।’’वर्ष 1992 में अपने प्रथम संस्करण के समय से ही स्व. श्री परमेश्वरी प्रसाद खेतान द्वारा संपादित ‘द भगवद्गीता’ पुस्तक को पाठकों द्वारा खूब सराहा गया है। श्रीअरविन्द की अद्भुत टीका के तीसरे संस्करण के ऊपर अब इस व्याख्या के आने से हम आशा करते हैं कि यह पुस्तक श्रीअरविन्द व श्रीमाँ के आलोक में गीता को समझने, उसे व्यावहारिक रूप से जीवन में उतारने में पाठकों के लिए और अधिक सहायक सिद्ध होगी।

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